गुरुवार, 4 फ़रवरी 2010

महंगाई महंगाई महंगाई mehngaai

एक कांग्रेसी
ओये झ्ल्लेया देखा हसाडे सोणे मंमोहने पी एम् ने कमाल कर दिया विपक्ष के कहे बगैर और विघटन कारी पार्टिओं के विघ्न डालते रहने के बावजूद भी यूं.पी.ऐ.के मंत्रिओं को अपनी जमीन जायदाद डिक्लेरकरने को कह दिया हैओये अब तो भ्रष्टाचार की कमर पर लात पड़े ही पड़े महंगाई कम होवे ही होवे
झल्ला जल बचाओ +विद्युत बचाओ
ओ बाऊ जी शुक्र है की महा ठगनी [mahaa] माया के ये भेद आप लोगों ने अब जानी बधाई
हाय महंगाई महंगाई महंगाई
महंगाई जिथों तूं हे आयी
महंगाई उत्थेही जा ओ माई