उत्तर प्रदेश की विधान सभा के अंतिम दिन आज युवा मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने जोर दार सियासी धमाका कर दिया विधायकों को अपनी विकास निधि से 2000000 रुपयों तक गाडी खरीदने का प्रस्ताव उछाल दिया है अब बेशक देश में मानसून के नखरों से सूखे की स्थिति बनती जा रही है मगर यूं पी के विधायकों के सूखे पर तो कुल निधि के 10%+ की ठंडी फुआरों के दिल फरेब झोंके आने लग ही गए हैं ।जाहिर है ऐसे में सूबे की सभी समस्याएं पार्श्व में चले गई हैं\\2014 के चुनावों के मद्दे नज़र विपक्ष ने इस फरेब में आने से इनकार कर दिया है मगर दबी जबान से कांग्रेस अपना गठबंधन धर्म जरूर निभा रही है।
यूं पी के विधायक अब नहीं रहेंगे बे_ कार
आज विधान सभा में अखिलेश यादव ने विधायक निधि से 10% अर्थार्त बीस लाख रुपयों तक का खर्च विधायक के लिए वाहन खरीदका प्रस्ताव रखा इसके स्वीकृत होने पर एक अरब रुपयों का खर्चा केवल[ एम् एल ऐ 403एम् एल ऐ++100 एम् एल सी ] के प्रयोग के लिए वाहनों पर ही खर्च हो जाएगा।|बिजली +पानी+सडकों के संकट से जूझ रहा प्रदेश बेरोजगारी भत्ता और लेपटोप वितरण के दाईतव से बंधा है \इसके अलावा लगभग 25 हज़ार करोड़ का कर्जा भी है ऐसे में 20 लाख की गाडी के पीछे दलील कोई भी दी जाए मगर सी एम् ने इस एक तीर से जहां अपने विधायकों द्वारा लाल बत्ती के लिए बनाए जा रहे दबाब को कम कर लिया वही दूसरे दलों के विधायकों की भी सहानुभूति हासिल करने के साथ उनपर नकेल भी कस दी गई है।अब कोई विधायक दूरस्थ इलाके में विकास के लिए ना जा पाने की शिकायत नहीं कर पायेगा ।आलोचना टी वी चेनलों पर शुरू होते ही सरकार के स्तम्भ आजम खान ने बचाव की कमान संभालते हुए आवश्यकतानुसार ही खर्च को जरुरी बता कर बात सम्भालने का प्रयास किया गौर तलब है की इस सभा में लगभग 300 सदस्य करोडपति हैं ।बेशक विपक्ष ने गाडी नहीं लेने की बात कही फिर भी 104 विधायक तो जरुरत मंद +गरीब बताये ही गए हैं।
मुख्य मंत्री ने बचाव की दलील देते हुए सवाल दागा कि जब सरकार से तेल +किराया++और भत्ते दिए जा सकते हैं तो गाडी क्यूं नहीं ।इन जवान तेवरों को देखते हुए लगता है कि सूबे में समाजवाद की परिभाषा जरूर बदलने जा रही है इसलिए क़र्ज़ में डूबे सूबे में 20 लाख की लग्जरी गाडी का यह प्रस्ताव पास हो निम्न बातों का स्पष्टीकरण जरुरी है
[1]यह वाहन पांच साल के लिए दिए जाने हैं। यह पांच साल खरीद की तिथि से काउंट किये जायेंगे या 5 साल के एक टेन्योर के लिए होंगे।|
कांग्रेस और सपा का केंद्र में गठबंधन है कांग्रेस के लिए 3500000 के टायलेट्स तो सपा के लिए 2000000 की गाडी जरुरी है । लगता है की समाज वाद की परिभाषा बदल रही है???
[2]पांच साल बाद मार्केट वेल्यू दे कर विधायक गाडी खरीद सकेंगे।सरकारी डेप्रिशिअशन [10% प्रतिवर्ष]]को आधार बनाया जाएगा अब सवाल यह उठता है की कोई विधायक अगर आज गरीब है तो महज़ पांच सालों में 2000000 रुपयों की गाडी खरीदने और उसके रखरखाव को सक्षम हो पायेगा यदि हाँ तो कैसे???
[3]बताया जा रहा है की कई विधायक गरीब होने के कारण अपने छेत्र का समूचा दौरा नहीं कर पाते इसीलिए वाहन उनके लिए जरुरी है अगर ऐसा है तो गाडी के लिए पेट्रोल और ड्राइवर की व्यवस्था कैसे होगी। वाहन की मरम्मत या रखरखाव किस मद से होगी ।और मुख्य मंत्री जी क्या इसके लिए 2000000 की गाड़ी ही जरूरी है????
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर लक्ष्मी कान्त वाजपई अब तक स्कूटर की सवारी ही कर रहे है मुख्यमंत्री की गाडी की सौगात से उम्मीद बंधी थे की अब मेरठ के विधायक भी 2000000 की गाडी की सवारी करके शहर का विकास करायेंगे मगर अफ़सोस उनकी पार्टी ने भी सपा सरकार के 100 दिन पूरे होने पर बंटी रेवड़ी [गाडिओं ]के माया जाल में फ़सने से इनकार कर दिया है भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अब फिर से स्कूटर पर ही छेत्र का विकास करायेंगे।|