बुधवार, 4 जुलाई 2012

भारीभरकम कृषि मंत्री ने कई इफ और बट्स लगा कर बाज़ार को एक गलत सन्देश भी दे ही दिया है

                                                                              झल्ले दी गल्लां 
 एक कांग्रेसी
                  ओये  झल्लेया  देखा हसाड़े  हेवी  वेट  शरद पवार जी का कमाल ओये उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में खुल्लम खुल्ला   एलान कर दिया है कि  मानसून देर से ही सही पर  आ रहा है   अगर सूखा भी  पड़ता  है तो भी
बफर स्टाक भरा पडा है  सूखे की स्थिति से निबट लिया  जाएगा ओये अब घबराने की कोई गल नहीं है
झल्ला
                ओ मेरी सरकार आप जी के इस भारीभरकम  कृषि मंत्री ने कई इफ और बट्स लगा कर बाज़ार को एक गलत सन्देश भी दे ही दिया है ।बकौल नेता जी के [1]मानसून के आने में देरी हो गई है [2]बुआई   प्रभावित हुई है[[3] तेल++धान++दालों के उत्पादन पर प्रभाव पड़ सकता है  मगर बफर स्टाक 'प्राप्त है अगर राज्य चाहेंगे तो उन्हें मुहेय्या करवा दिया जाएगा ।इससे मंत्री जी के  चेहेते  बाज़ार को सन्देश मिल गया है
आप जी के सोणे  ते मन मोहने पी एम् +ऍफ़ एम् की डगर कठिन हो सकती है 

मंगलवार, 3 जुलाई 2012

पायलटों ने तो हड़ताल का रिकार्ड बना लिया अब मंत्री जी क्या रिकार्ड बनायेंगे

                                                                         झल्ले दी गल्लां 
एक कांग्रेसी 
               ओये झल्लेया  देखा हसाड़े  सोणे  ते मन मोहने पी एम्  के  वित् मंत्रालय का कार्यभार संभालते ही एयर इंडिया के पायलटों की हड़ताल ख़त्म किये जाने पर सहमति बन गई है अब तो एयर इंडिया का घाटा कम होवे ही होवे और विकास की गंगा बहे ही बहे
झल्ला 
                भोले बादशाहों बेशक हाई  कोर्ट के  आदेश से  400 से ज्यादा हडताली पायलटों ने 8 मई से चली आ रही अपनी  हड़ताल को वापस लेने पर राजा मंदी दिखा दी है लेकिन  सिविल एविअशन में दूसरी सबसे बड़ी हड़ताल होने का रिकार्ड  तो बन ही गया है । अब देखना है की आप जी के सिविल एविअशन मंत्री छोटे चौधरी अजित सिंह  अपनी पुराणी जिद पर अड़े रहेंगे या इस  रिकार्ड को छोटा करेंगे या
[1] बर्खास्त 101 पायलटों को बहाल करेंगे
[2]पायलटों की गिल्ड  को पुनः मान्यता  देकर पीछे हटने का  रिकार्ड बनायेंगे
[3]मार्केट में एयर इंडिया की साख दोबारा  बनायेंगे
[4]अतिरिक्त स्टाफ में कटौती करके सेवा में गुणवत्ता बढ़ाएंगे
[5]व्यापारिक प्रतिस्पर्धा में बडत  हासिल करेंगे
  

विधायक निधि से 20 लाख तक की गाडी खरीद सकेंगे माननीय

उत्तर प्रदेश की विधान सभा के अंतिम दिन आज युवा मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने जोर दार सियासी धमाका कर दिया विधायकों को अपनी विकास  निधि से   2000000 रुपयों तक गाडी खरीदने का प्रस्ताव उछाल दिया है अब बेशक देश में मानसून के नखरों से सूखे की स्थिति बनती  जा रही है मगर यूं पी के विधायकों के सूखे पर तो कुल निधि के 10%+ की ठंडी फुआरों के दिल फरेब झोंके आने लग  ही गए हैं ।जाहिर है ऐसे में  सूबे  की सभी समस्याएं पार्श्व में चले गई हैं\\2014 के चुनावों के मद्दे नज़र विपक्ष   ने इस फरेब में आने से इनकार कर दिया है मगर दबी जबान से कांग्रेस अपना गठबंधन धर्म जरूर  निभा रही है।
 यूं पी के विधायक अब नहीं रहेंगे बे_ कार 
    आज विधान सभा में अखिलेश यादव ने विधायक निधि से 10%  अर्थार्त बीस लाख रुपयों तक का खर्च विधायक के लिए वाहन खरीदका प्रस्ताव रखा  इसके स्वीकृत होने पर  एक अरब रुपयों  का खर्चा केवल[ एम् एल ऐ 403एम् एल ऐ++100 एम् एल सी ] के प्रयोग के लिए वाहनों पर ही खर्च हो जाएगा।|बिजली +पानी+सडकों के संकट से जूझ रहा प्रदेश बेरोजगारी भत्ता और लेपटोप वितरण के  दाईतव  से बंधा है \इसके अलावा लगभग 25 हज़ार करोड़ का कर्जा भी है ऐसे में 20 लाख की गाडी के   पीछे दलील कोई भी दी जाए मगर सी एम् ने इस एक तीर से जहां अपने विधायकों द्वारा लाल बत्ती के लिए बनाए जा रहे दबाब को कम कर लिया वही  दूसरे दलों के विधायकों की भी  सहानुभूति हासिल  करने के साथ उनपर नकेल भी कस  दी गई है।अब कोई विधायक दूरस्थ इलाके में विकास के लिए  ना जा पाने की शिकायत नहीं कर पायेगा ।आलोचना टी  वी चेनलों पर शुरू होते ही सरकार के स्तम्भ आजम खान ने बचाव की कमान संभालते हुए आवश्यकतानुसार ही खर्च  को जरुरी बता कर बात सम्भालने का प्रयास किया गौर तलब है की इस सभा में लगभग 300 सदस्य करोडपति हैं  ।बेशक विपक्ष ने गाडी नहीं लेने की बात कही फिर भी 104 विधायक तो  जरुरत मंद +गरीब  बताये  ही गए हैं।
    मुख्य मंत्री ने  बचाव की दलील देते हुए सवाल दागा कि  जब सरकार से तेल +किराया++और भत्ते दिए जा सकते हैं तो गाडी क्यूं नहीं ।इन जवान तेवरों को देखते हुए लगता है कि  सूबे में समाजवाद की परिभाषा जरूर बदलने जा रही है इसलिए क़र्ज़ में डूबे सूबे में 20 लाख की लग्जरी गाडी का यह  प्रस्ताव पास हो निम्न बातों का  स्पष्टीकरण  जरुरी है
[1]यह वाहन पांच साल के लिए दिए जाने हैं। यह पांच साल खरीद की तिथि से काउंट किये जायेंगे या 5 साल के एक टेन्योर  के लिए होंगे।|

 कांग्रेस और सपा का केंद्र में गठबंधन  है कांग्रेस के लिए  3500000 के टायलेट्स  तो सपा के लिए 2000000 की गाडी जरुरी है । लगता है की  समाज वाद की परिभाषा बदल रही है???

[2]पांच साल बाद मार्केट वेल्यू दे कर विधायक गाडी खरीद सकेंगे।सरकारी डेप्रिशिअशन [10% प्रतिवर्ष]]को आधार बनाया जाएगा  अब सवाल यह उठता है की कोई विधायक अगर आज गरीब है तो महज़ पांच सालों में 2000000 रुपयों की गाडी खरीदने  और उसके रखरखाव को सक्षम हो पायेगा यदि हाँ तो कैसे???
[3]बताया जा रहा है की कई विधायक गरीब होने के कारण अपने छेत्र  का समूचा दौरा नहीं कर पाते इसीलिए वाहन उनके लिए जरुरी है अगर ऐसा है  तो  गाडी के लिए पेट्रोल और ड्राइवर की व्यवस्था कैसे होगी। वाहन की मरम्मत या रखरखाव  किस मद से होगी ।और मुख्य मंत्री जी क्या इसके लिए 2000000 की गाड़ी ही जरूरी है????
     भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर लक्ष्मी कान्त वाजपई अब तक स्कूटर की सवारी ही कर रहे है मुख्यमंत्री की गाडी की सौगात से उम्मीद बंधी थे की अब मेरठ के विधायक भी 2000000 की गाडी की सवारी करके शहर का विकास करायेंगे मगर अफ़सोस उनकी पार्टी ने भी सपा सरकार के 100 दिन पूरे होने पर बंटी  रेवड़ी [गाडिओं ]के माया जाल में फ़सने  से इनकार कर दिया है भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अब फिर से स्कूटर पर ही छेत्र  का विकास करायेंगे।|   

    

सोमवार, 2 जुलाई 2012

सर्वोच्च सिंहाषण मिल जाए चुनावी वैतरणी पार हो जाए

                                                                              झल्ले दी गल्लाँ 
एक कांग्रेसी 
                ओये झल्लेया  पी ऐ संगमा को ये क्या होगया है?ओये संगमा ने भाजपा के संग मिल कर  हसाड़े  प्रणव मुखर्जी के खिलाफ उलटे सीधे आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं।अब कह रहे हैं की प्रणव के पास लाभ के
पद[आई एस आई]हैं इसीलिए उन्हें प्रेसिडेंट  के इलेक्शन  से बाहर कर दिया जाना चाहिए ।हमारी  दो शतकों पुरानी पार्टी है क्या हम ऐसी  छोटी  गलती कर सकते हैं भाई प्रणव मुखर्जी ने तो 20=06=2012 को ही आई एस आई [पकिस्तान वाली नहीं]सांख्यकी से इस्तीफा दे दिया था और वितमंत्री का पद भी छोड़ चुके हैं ऐसे में तो ये आरोप बेमतलब हैं \
झल्ला 
                भोले बादशाहों जब   बुढापे  में चुनावी पानी में उतरे हैं  तो हारी हुई बाज़ी जीतने के लिए  इधर उधर हाथ मारेंगे ही क्या पता इसी से सर्वोच्च  सिंहाषण  मिल जाए चुनावी  वैतरणी पार हो जाए \आपकी पार्टी जांच बैठाने में माहिर है बैठा दो जांच हो जाने दो दूध का दूध और पानी का पानी\इस आरोप का  खंडन इतनी जल्दी आया है  की कहीं ना कहीं काले का शक पैदा हो ही जाता है। वैसे वितमंत्री रहते हुए जितना  राजनितिक लाभ कमा लिया उतना आई एस आई में कहा??