पेट्रोल के दामो में बढोत्तरी को लेकर आज कल विरोध प्रकट किया जा रहा है |व्यवसायिक नज़रिए वाली मौजूदा सरकार विश्व बाज़ार की दुहाई देते हुए अपना [असफल]बचाव कर रही है उधर उपभोक्ता की अपनी मजबूरियां हैं|
पेट्रोल के दामो में बढ़ोत्तरी का कुछ भी कारण हो मगर झल्ले विचारानुसार पेट्रोल के दामो से पैसे हटा दिए जाएँअर्थार्त राउंड फिगर में हो तो ना केवल उपभोक्ता को फायदा होगा वरन पेट्रोल की कीमतों में कालाबाजारी पर भी रोक लग सकेगी|
पेट्रोल के दाम रुपये और पैसे में तय किये जाते हैं जैसे ७०रुपये और कुछ पैसे यह रेट बेशक स्थान स्थान प्रदेश प्रदेश अलग अलग होता है मगर इनमे एक समानता जरूर होती है वोह है पैसे की |अर्थार्त रुपयों के साथ कुछ पैसे जरूर लिए जाते हैं यानि एक बड़ी कंपनी के जूतों की तरह पेट्रोल के लिए भी रुपयों के साथ कुछ पैसे देने लाज़मी हैं|
अब अगर र ग्राहक राउंड फिगर में पेट्रोल खरीदता है तो उसे रुपयों के साथ पैसे देने जरूरी हैं|ज्यादातर ग्राहकों के पास चिल्लर नहीं होती सो वह राउंड फिगर में ही भुगतान करने को मजबूर होता है|इसके ठीक उलट यदि ग्राहक राउंड फिगर में भुगतान करता है तो उसे पेट्रोल लीटर के साथ साथ मिली लीटर मिलना चाहिए लेकिन ग्राहक को न्याय नहीं मिलता |बची चिल्लर या बचा हुआ पेट्रोल कंपनी या कर्मचारी की जेबों में जाता है
अब चूँकि सरकार ने चवन्नी तक की रेजगारी का चलन बंद करदिया है तो कृपया पेट्रोल के दाम भी राउंड फिगर में करने की कृपा करें|