मंगलवार, 28 जुलाई 2009

कश्मीरी उमर का महबूबा को धोबिया पाट

एक कांग्रेसी
ओये झाल्लेया ये कया हो रहा है? एक तरफ़ तो हम लोग कश्मीर को पाकिस्तान के चंगुल से निकालने के लिए दुनिया की ख़ाक छानते फ़िर रहे हैं दूसरी तरफ़ जे. एंड .के। के सी.एम्.और विपक्षी महबूबा सैय्यद विधान सभा में ही आरोप प्रत्यारोप के कीचड से होली खेल कर लोकतंत्र को तार तार करने पे तुले हेंअब तो हद ही हो गई हे उमर वर्सेस महबूबा के खेल में महबूबा ने स्पीकर का माइक छीनने से ही बस नही की वरन नौजवान उमर अब्दुल्ला पर एक अबला का बलात्कार करने का आरोप भी मड दियाहमारे समर्थित उमर बेचारे को इस्तीफा देना पड़ गयाअब वहाँ लोकतंत्र का कया होगा
झल्ला पावर बचाओ वाटर बचाओ
आप तो नाहक ही अपने उमर की चिंता में दुबले हुए जा रहे होदादा लाइ सी.एम्.की कुर्सी से त्यागपत्र दे कर उमर नेधोबिया पाट मार कर महबूबा को फिलहाल तो पछाड़ ही दिया हेरही बात इस्तीफे की तो भाई इस्तीफा तो गवर्नर के पास ही जाएगा अब जब केन्द्र में आपजी की सरकार हे तो गवर्नर साहब की स्याही आपके समर्थित सी.एम्.का इस्तीफा स्वीकार करनेके ऐन समय ख़त्म हो ही जायेगी

रविवार, 26 जुलाई 2009

पी.एम् के मत्थे बलोचिस्तानी ग्रहण

एक कांग्रेसी
ओये झाल्लेया ये कया हो रहा है?निर्गुट देशों [शर्म अल शेख में ]सम्मलेन में पाकिस्तानी पी.एम्.से वार्ता करके पहली बार कश्मीर को संयुक्त घोषणा पत्र मे शामिल नही कराने वाले हसाडे सफल सोणे मंमोहने पी.एम् की अपने देश में ही निंदा की जा रही हेखामखाह बलोचिस्तान का कलंक उनके मत्थे मडा जा रहा हेओये बलोचिस्तान की तो कोई कहाणी ही नही हे बलोचिस्तान में पंगा लेने की हमको कया जरूरत पडी हे?
झल्ला पावर बचाओ पानी बचाओ
भाई [सरकारे आली ]बलोचिस्तान में अपणी टंगड़ी फंसा बेठे हेरब ना करे कि सरकारे आली ने कश्मीर पर लगे पाकिस्तानी पूर्ण ग्रहण से पीछा छुड़ाने के चक्कर में बलोचिस्तान में अपने दखल को स्वीकार कर लिया हो और इस आंशिक ग्रहण को अपने मत्थे सजा लिया होकुछ भी हो २९७२००९ के संसद सत्र में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाणा हे

सोमवार, 20 जुलाई 2009

यूं.पी.में दो ताकतवर महिलाओं का घमासान

एक कांग्रेसी नेत्री
ओये झाल्लेया यूं .पी.में ये कया जुल्म कमाया जा रहा हे?एक तरफ़ देश की प्रथम महिला श्रीमती गुरशरण कौर शर्म अल शेख में दूसरे देशों की प्रथम महिलाओं से विश्व की महिलाओं के कल्याण के लिए चर्चा में मशगूल हे और दूसरी और हसाडे अपने मुल्क के सबसे बड़े प्रदेश यूं.पी.में प्रदेश की सबसे ताकतवर दो महिलायें सी.एम्.मायावती और विपक्षी कांग्रेसी नेत्री रीता बहुगुणा जोशी दलितों का मसीहा बन्ने को न केवल एक दूसरे का जूडा पुटने पर आमादा हो रही हे वरन बिना पानी पिए एक दूसरे को कोसने का कोई मौका नही छोड़ रहीअब प्रदेश में महिलाओं का कल्याण कैसे होगाअमरीका की हिलेरी किलटन के सामने प्रदेश की महिलाओं की नाक का कया होगा
झल्ला
मेरे भोले लाल ना हो इस तरह बेहाल आपजी की रीता जी १६७२००९से १८७२००९तक जेल के मछरों को रक्तदान करके दलितों की मसीहा बन्ने को सी.एम्.के विरूद्व अपनी अशोभनिए असंसदीय शब्दबाण के लिए पश्चाताप कर चुकी हेआपजी की पार्टी के लिए एक नई उम्मीद बन कर उभर गई हे इसके साथ ही बी.एस.पीओं.ने रीता के लखनऊ स्थित कथित निवास को दहन करके भडास निकाल ली हेइस उपलब्धी के लिए मंत्रीपद भी पा लिया हेसी.बी.सी.आई.डी.की जांच की घोषणा करके रीता के गले पर अपना अंगूठा भी रख दिया हे इस पर भी आपजी की हाई कमान के हुक्मे अन्दर दोनों ही हेइसीलिए फिकर नॉट

गुरुवार, 16 जुलाई 2009

परिवार नियोजन के लिए आजाद ख़याल

एक कांग्रेस्सी
ओये झाल्लेया हसाडे जनाब गुलाम नबी आजाद ने फरमा दिया हें कि गावों में मनोरंजन के साधनों के अभाव के फलस्वरूप ही देश में बच्चे पैदा करने को मनोरंजन का माध्यम बना लिया गया हेंलोगों को सेक्स के अलावा और कोई मनोरंजन का माध्यम दिखाई ही नही देताइसीलिए बढती आबादी को ब्रेक लगाने के लिए अब गावों में मनोरंजन के साधन मुहैया कराये जायेंगेओये अब तो भारत को चीन बन्ने से रोका जा सकेगागावों में टी.वी.आदि कि भरमार होगी
झल्ला
मेरी भोली सरकार आज़ादी के ६२ सालों में भी गावों का विकास नही हुआ ये सच्चाई आपजीकेआजाद साहब ने सच्चाई से मान ली हेंलेकिन हकीकत यह हें कि गावों के समग्र विकास के लिए धन मुहैया कराना भी जरूरी हें मगर बजट भाषण में वित्तमंत्री ने गावों को जितना समय दिया हें उसमे तो गावों में टी.वी.के लायक बिजली आ जाए तो गनीमत होगी
वैसे इस दिशा में यह बात तो माननी होगी कि आजाद साहब दूर की कोडी लाये हेंक्योंकि एक बार परिवार नियोजन वालों के द्वारा सारे उपाए करने के बावजूद एक गावं की आबादी निरंतर बढती ही गई वास्तव में आधी रात उस गावं से एक ट्रेन गुजरती थी जिसकी आवाज से गावं वाले उठ जाते थे क्योंकि वहाँ सेक्स के अलावा मनोरंजन के कोई और साधन नही थे इसीलिए आबादी लगातार बढती रही इस वास्तविकता को जानने के पश्चात् ट्रेन का समय बदला गया और परिवार नियोजन वालों को अपना लक्ष्य प्राप्त हुआलगता हें की बरसों बाद अब उस गावं या परिवार नियोजन वालों की फाइल आपजी के मंत्री जी के हत्ते चढ़ गई हें

मंगलवार, 7 जुलाई 2009

प्रणव दादा की बजट गिरी पर झल्ली नजर

एक कांग्रेस्सी
ओये झाल्लेया मुबारकां हसाडे वितमंत्री जनाब प्रणव मुखर्जी ने इतने कम समय में इस इनिंग के पहले आम बजट में कमाल कर दियाधोती फाड़ कर रूमाल कर दियामंदी के इस दौर में १० लाख करोड़ का बजट पेश करके पूरे विश्व को आइना दिखा दिया
भारत और इंडिया का अन्तर कम करतेहुए ,जवान ,मजदूर ,आयकरदाता सभी की झोली भर के जय हो कर ही दीअब तो ग्रामीर्ण तबके से ठोस विकास होगा और कारपोरेट सेक्टर तक पहुचेगाभारत की हो जायेगी जय हो पावर बचाओ पानी बचाओ
झल्ला
ओये भओलेया सारे अपनी अपनी नज़रों से तुवाडे बजट को देख रहे हैं मगर झल्ले चश्मे से बजट के कुछ बिन्दु इस प्रकार दिखते हैं
[१] अगर आप्जीदा बजट इन्ना सोणा हे तो शेयर बुल कयूं लुड्का?
[२]विभागों में रिक्तियां तो है नही फिर रोज़गार विभाग को ऑन लाईन कयूं किया?
[३]वेतन आयोग की रपट में कर्मचारियों के वेतन में तिगुनी वृधि का दावा किया मगर इनकम टैक्स में केवल १०००० की छूट ही कयूं?
[४]किसानों को छूट मगर खेतों को काट कर बनाए जा रहे कंक्रीट के जंगलों पर रोक कयूं नही?
[५]विदेशों में पिट रहे छात्रों के लिए ज़ुबानी हमदर्दी मगर श्री लंका के नागरिकों के लिए ५०० करोड़ कयूं?
[६]रीयल स्टेट वालों को पीछे धकेल कर आवास निर्माण में सरकार ख़ुद कयूं?
[७]राजनीतिक दलों को दान देने के लिए १००%कर की छूट कयूं ?
[८] दान में कर की छूट का प्रावधान सरकारी कर्मियों के लिए कयूं नही?
[९]दान की यह सुविधा सरकार के माध्यम से कयूं नही?
[१०] आई टी सेक्टर की प्रतिभाओं के सर पर लटक रही कटौती की तलवार के लिए कोई बेल आउट कयूं नही ?
[११] विभागों में कर्मी कम औरबड़ते खर्चे को रोकने के उपाए कयूं नही ??
[१२]बजट से पूर्व कराए गए आर्थिक सर्वेक्षण का कितना %बजट में शामिल किया गया ?
[१३]यदि इस सर्वेक्षण को दरकिनार कर दिया गया तो उस पर धन कितना बेकार हुआ?
[१४]ऐ रब्बा इतने सारे क्यूं ................