सोमवार, 2 जुलाई 2012

सर्वोच्च सिंहाषण मिल जाए चुनावी वैतरणी पार हो जाए

                                                                              झल्ले दी गल्लाँ 
एक कांग्रेसी 
                ओये झल्लेया  पी ऐ संगमा को ये क्या होगया है?ओये संगमा ने भाजपा के संग मिल कर  हसाड़े  प्रणव मुखर्जी के खिलाफ उलटे सीधे आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं।अब कह रहे हैं की प्रणव के पास लाभ के
पद[आई एस आई]हैं इसीलिए उन्हें प्रेसिडेंट  के इलेक्शन  से बाहर कर दिया जाना चाहिए ।हमारी  दो शतकों पुरानी पार्टी है क्या हम ऐसी  छोटी  गलती कर सकते हैं भाई प्रणव मुखर्जी ने तो 20=06=2012 को ही आई एस आई [पकिस्तान वाली नहीं]सांख्यकी से इस्तीफा दे दिया था और वितमंत्री का पद भी छोड़ चुके हैं ऐसे में तो ये आरोप बेमतलब हैं \
झल्ला 
                भोले बादशाहों जब   बुढापे  में चुनावी पानी में उतरे हैं  तो हारी हुई बाज़ी जीतने के लिए  इधर उधर हाथ मारेंगे ही क्या पता इसी से सर्वोच्च  सिंहाषण  मिल जाए चुनावी  वैतरणी पार हो जाए \आपकी पार्टी जांच बैठाने में माहिर है बैठा दो जांच हो जाने दो दूध का दूध और पानी का पानी\इस आरोप का  खंडन इतनी जल्दी आया है  की कहीं ना कहीं काले का शक पैदा हो ही जाता है। वैसे वितमंत्री रहते हुए जितना  राजनितिक लाभ कमा लिया उतना आई एस आई में कहा??    

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