झल्ला
ओ मेरे चतुर सुजान जी
पंजाब सरकार आजकल सरकारी खजाना खा ली होने की दुहाई देते नहीं थक रही लेकिन इनकम टैक्स की ११. ८ करोड़ रु के बोझ को कम करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही
कमाई ये करें और इनकी कमाई पर इनके इनकम टैक्स को भरे सरकार , ये कहाँ का हुआ इन्साफ ?
प्रदेश के मुख्य मंत्री ,मंत्री और विधायकों की आय पर देय 11. 8 करोड़ रु का इनकम टैक्स सरकारी खजाने से अर्थार्त टैक्स पैयर्स की जेब से दिया जाता है |अब कैप्टेन साहिब की दरियादिली के बावजूद सरकारी खजाने से रु पौने ग्यारह करोड़ का भुगतान किया जाएगा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें