शनिवार, 30 जून 2012

कलाम को दुबारा राष्ट्रपति नहीं बनने देने और प्रणव मुखर्जी को राष्ट्रपति बनाने में कोई तो परदे दारी है

                                                                            झल्ले दी गल्लां
 एक कांग्रेसी 
                  ओये झल्लेया  देखा हसाडी  श्रीमति  सोनिया गांधी का कमाल । 2004 में  सारे   संवैधानिक  अधिकार होते हुए भी  प्रधान मंत्री के पद का त्याग करके पेश कर दी एक अनूठी मिसाल।डाक्टर मन मोहन सिंह को  सत्ता सौंप कर नहीं  दिखाया  कोई मलाल।  तत्कालीन राष्ट्रपति  ऐ पी जे अब्दुल कलाम ने भी अब अपनी किताब में  इसकी पुष्ठी करके कर दिया धमाल  ।
   सोणे  ते मन मोहने पी एम्  चलेंगे सालों साल ।ओये अब सोनिया जी को विदेशी बताने वालों का कौन होगा हवाल । हुन  ते  सोनिया जी को दिल से  मदर इंडिया कह ही  डाल ।
झल्ला 
                    ओ सरकारे आली जी बेशक आपके लिए आज भांगड़ा डालने का दिन है ।झप्पी शप्पी  पाओ और खुशियाँ मनाओ।सुपर प्राईम मिनिस्टर से अब सोनिया जी मदर इंडिया बना दी गई है लेकिन  एक बात बताओ अगर ऐ पी जे अब्दुल कलाम  ने आप जी की सोनिया जी को प्रधान मंत्री बनने से नहीं रोका तो अब आप लोगों ने उन्हें दुबारा राष्ट्रपति  बनने  से क्यों  खवाह्मखः रोक दिया?बेशक  राष्ट्रपति के लिए प्रणव मुखर्जी काबिल होंगे और उन्होंने प्रधान मंत्री की रेस से इस तरह बाहर किये जाने पर कोई अफ़सोस भी जाहिर नहीं  किया है लेकिन झल्ली गल ये है की कलाम को दुबारा राष्ट्रपति  नहीं बनने  देने और प्रणव मुखर्जी को राष्ट्रपति बनाने में कोई तो परदेदारी  है  राजदारी है ।

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