मंगलवार, 7 जुलाई 2009

प्रणव दादा की बजट गिरी पर झल्ली नजर

एक कांग्रेस्सी
ओये झाल्लेया मुबारकां हसाडे वितमंत्री जनाब प्रणव मुखर्जी ने इतने कम समय में इस इनिंग के पहले आम बजट में कमाल कर दियाधोती फाड़ कर रूमाल कर दियामंदी के इस दौर में १० लाख करोड़ का बजट पेश करके पूरे विश्व को आइना दिखा दिया
भारत और इंडिया का अन्तर कम करतेहुए ,जवान ,मजदूर ,आयकरदाता सभी की झोली भर के जय हो कर ही दीअब तो ग्रामीर्ण तबके से ठोस विकास होगा और कारपोरेट सेक्टर तक पहुचेगाभारत की हो जायेगी जय हो पावर बचाओ पानी बचाओ
झल्ला
ओये भओलेया सारे अपनी अपनी नज़रों से तुवाडे बजट को देख रहे हैं मगर झल्ले चश्मे से बजट के कुछ बिन्दु इस प्रकार दिखते हैं
[१] अगर आप्जीदा बजट इन्ना सोणा हे तो शेयर बुल कयूं लुड्का?
[२]विभागों में रिक्तियां तो है नही फिर रोज़गार विभाग को ऑन लाईन कयूं किया?
[३]वेतन आयोग की रपट में कर्मचारियों के वेतन में तिगुनी वृधि का दावा किया मगर इनकम टैक्स में केवल १०००० की छूट ही कयूं?
[४]किसानों को छूट मगर खेतों को काट कर बनाए जा रहे कंक्रीट के जंगलों पर रोक कयूं नही?
[५]विदेशों में पिट रहे छात्रों के लिए ज़ुबानी हमदर्दी मगर श्री लंका के नागरिकों के लिए ५०० करोड़ कयूं?
[६]रीयल स्टेट वालों को पीछे धकेल कर आवास निर्माण में सरकार ख़ुद कयूं?
[७]राजनीतिक दलों को दान देने के लिए १००%कर की छूट कयूं ?
[८] दान में कर की छूट का प्रावधान सरकारी कर्मियों के लिए कयूं नही?
[९]दान की यह सुविधा सरकार के माध्यम से कयूं नही?
[१०] आई टी सेक्टर की प्रतिभाओं के सर पर लटक रही कटौती की तलवार के लिए कोई बेल आउट कयूं नही ?
[११] विभागों में कर्मी कम औरबड़ते खर्चे को रोकने के उपाए कयूं नही ??
[१२]बजट से पूर्व कराए गए आर्थिक सर्वेक्षण का कितना %बजट में शामिल किया गया ?
[१३]यदि इस सर्वेक्षण को दरकिनार कर दिया गया तो उस पर धन कितना बेकार हुआ?
[१४]ऐ रब्बा इतने सारे क्यूं ................

3 टिप्‍पणियां:

  1. ऐ रब्बा इतने सारे क्यूं ..हुण रब्ब नू भी पता नही जी,
    आप ने बहुत सुण्दर लिखा धन्यवाद

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  2. ... बिल्कुल सही प्रश्न उठाये हैं, प्रश्न जरुर कठिन जान पडते हैं लेकिन उत्तर बहुत सरल हैं .... भारत की जनता को प्रश्न समझने में समय लग रहा है !!!!!!

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  3. बहुत बढ़िया लिखा है आपने!

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