रविवार, 26 जुलाई 2009

पी.एम् के मत्थे बलोचिस्तानी ग्रहण

एक कांग्रेसी
ओये झाल्लेया ये कया हो रहा है?निर्गुट देशों [शर्म अल शेख में ]सम्मलेन में पाकिस्तानी पी.एम्.से वार्ता करके पहली बार कश्मीर को संयुक्त घोषणा पत्र मे शामिल नही कराने वाले हसाडे सफल सोणे मंमोहने पी.एम् की अपने देश में ही निंदा की जा रही हेखामखाह बलोचिस्तान का कलंक उनके मत्थे मडा जा रहा हेओये बलोचिस्तान की तो कोई कहाणी ही नही हे बलोचिस्तान में पंगा लेने की हमको कया जरूरत पडी हे?
झल्ला पावर बचाओ पानी बचाओ
भाई [सरकारे आली ]बलोचिस्तान में अपणी टंगड़ी फंसा बेठे हेरब ना करे कि सरकारे आली ने कश्मीर पर लगे पाकिस्तानी पूर्ण ग्रहण से पीछा छुड़ाने के चक्कर में बलोचिस्तान में अपने दखल को स्वीकार कर लिया हो और इस आंशिक ग्रहण को अपने मत्थे सजा लिया होकुछ भी हो २९७२००९ के संसद सत्र में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाणा हे

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