गुरुवार, 16 जुलाई 2009

परिवार नियोजन के लिए आजाद ख़याल

एक कांग्रेस्सी
ओये झाल्लेया हसाडे जनाब गुलाम नबी आजाद ने फरमा दिया हें कि गावों में मनोरंजन के साधनों के अभाव के फलस्वरूप ही देश में बच्चे पैदा करने को मनोरंजन का माध्यम बना लिया गया हेंलोगों को सेक्स के अलावा और कोई मनोरंजन का माध्यम दिखाई ही नही देताइसीलिए बढती आबादी को ब्रेक लगाने के लिए अब गावों में मनोरंजन के साधन मुहैया कराये जायेंगेओये अब तो भारत को चीन बन्ने से रोका जा सकेगागावों में टी.वी.आदि कि भरमार होगी
झल्ला
मेरी भोली सरकार आज़ादी के ६२ सालों में भी गावों का विकास नही हुआ ये सच्चाई आपजीकेआजाद साहब ने सच्चाई से मान ली हेंलेकिन हकीकत यह हें कि गावों के समग्र विकास के लिए धन मुहैया कराना भी जरूरी हें मगर बजट भाषण में वित्तमंत्री ने गावों को जितना समय दिया हें उसमे तो गावों में टी.वी.के लायक बिजली आ जाए तो गनीमत होगी
वैसे इस दिशा में यह बात तो माननी होगी कि आजाद साहब दूर की कोडी लाये हेंक्योंकि एक बार परिवार नियोजन वालों के द्वारा सारे उपाए करने के बावजूद एक गावं की आबादी निरंतर बढती ही गई वास्तव में आधी रात उस गावं से एक ट्रेन गुजरती थी जिसकी आवाज से गावं वाले उठ जाते थे क्योंकि वहाँ सेक्स के अलावा मनोरंजन के कोई और साधन नही थे इसीलिए आबादी लगातार बढती रही इस वास्तविकता को जानने के पश्चात् ट्रेन का समय बदला गया और परिवार नियोजन वालों को अपना लक्ष्य प्राप्त हुआलगता हें की बरसों बाद अब उस गावं या परिवार नियोजन वालों की फाइल आपजी के मंत्री जी के हत्ते चढ़ गई हें

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