शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2012

वाक् व्यूह में सभी मुद्दों पर पर्दा पड़ गया है और शायद नेताओं के दिलो दिमाग पर भी

सत्तारुड महारथियों ने वाक् व्यूह की रचना करके मुद्दों को अभिमन्यू बना डाला है|सलमान खुर्शीद+राशिद अल्वी+द्ग्विजय सिंह+कपिल सिबल=मुलायम सिंह यादव+मायावती+अजित सिंह+आदि आदि  के बाद अब बेनी प्रसाद ने भी कमान संभाल ली है|मीडिया+विपक्ष+जनता सभी इस व्यूह रचना को भेदना तो दूर समझ ही नही पा रहे हैं में ठीक हूँ या क्या में ठीक हूँ?????
     देश में अनेकों ज्वलंत मुद्दे हैं।चुनावों से पहले प्रत्येक पार्टी  भ्रष्टाचार+विकास+विदेशों में काला धन+अपराध+चुनाव सुधार+आरक्षण +धर्म+जातिवाद आदि आदि मुद्दों पर अपनी प्रतिब्ध्त्ता  का सीना ठोक कर प्रदर्शन करती रही है। बाबा रामदेव +अन्ना हजारे+श्री श्री आदि ने आन्दोलन भी चला रखे हैं मगर दुर्भाग्यवश चुनावों में सभी प्रतिबधताओं को ताक पर रख कर केवल आरोप प्रत्यारोप वाणी वाण  चलाये जा रहे हैं।
    स्वयम को साफ़ सुथरा और दूसरे को दागी  साबित करने को  मीलों नीचे दबे मुदद्दों को उछाला जा रहा है।इस सब के पीछे देश  और समाज के हित के सभी  मुद्दों पर पर्दा पड़ गया है और शायद नेताओं के दिलो दिमाग पर भी  में 

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