सत्ता में महिलाओं को भागेदारी देने के लिए गला फाड़ कर नारे लगाने वाले आज महिलाओं को टिकट देने से कतरा रहे हैं ।जननी +बेस्ट हाफ +अर्धांगिनी या आधी आबादी कहे जाने के बावजूद भी आज सत्ता में अपने जायज़ हक़ के लिए सत्ता के मौजूदा ठेकेदारों के रहमो करम पर ही टिकी हैं।हाँ ये दीगर बात है की करोड़ पतियों की ११०३ की फौज में १०%दागी प्रतियाशिओं पर भरोसा जताया गया है।
उत्तर प्रदेश की विधान सभा के लिए कल[आज]६ठा चरण पूर्ण होगा इसमें ६८ सीटों के लिए २११८६४८९ [इनमे से ९३९२०९५ महिला] मतदाता ११०३ प्रतियशिओ में से अपने प्रतिनिधि चुनेंगें ।
मुख्य ५ दलों ने महज़ १० महिलाओं परही भरोसा जताया है।
बसपा की मुख्य मंत्री एक शक्त महिला हैं और भाजपा की कमान उमा भारती जैसी फायर ब्रांड नेता होने के बावजूद इन्होने केवल ६८ में से तीन तीन टिकट ही महिलाओं को दिए हैं। कांग्रेस की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी एक महिला सशक्ति करण की पक्षधर रही है बेशक यह एतिहासिक पार्टी केवल ३२ सीटों तक ही सीमित है मगर इनके बेड़े में एक भी महिला नहीं है सपा और रालोद ने आश्चर्यनजक रूप से क्रमश तीन और एक सीट पर महिलाओं को उतारा है।अपने लिए जमीन तलाशती जेडीयू और पीस पार्टी ने क्रमश एक और तीन सीटों पर महिलाये उतारी हैं।
इसके अलावा मेरठ की सात सीटों के लिए साड़े इक्कीस लाख मतदाता अपनी पसंद को ई.वी,एम्. में बंद करेंगे।
इनमे से लगभग साड़े नौ लाख महिलायें भी अपनी पसंद का इज़हार करेंगी।
इस अवसर पर अपना भाग्य आज़मा रहे ११८ प्रतियाशिओं में से केवल सात महिलायें ही चुनावी मैदान में हैं।
इस छेत्र में चार मुख्य राजनितिक दल हैं इन्होने एक भी महिला को टिकट नहीं दिया है।
सिवाल ख़ास में दो सरधना में तीन हस्तिनापुर और कैंट में केवल एक एक महिला ही पुरुषों के इस मैदान में अपना भाग्य आजमा रही हैं।ये सभी निर्दलीय हैं और केवल चुनाव ही लड़ रही हैं।और यह किसी भी दशा में उचित प्रतिनिधित्व नहीं कहा जा सकता।
अपराध और भ्रस्ताचार के विरुद्ध लगातार ताल ठोंकने वाले दलों नेकरोड़पतियों पर ही दावं लगाया है और तो और लगभग १०%दागी प्रत्याशी मैदान में उतारने से गुरेज़ नहीं कियाहै ।
बसपा ने ६८ में से २० सपा ने ३१ भाजपा ने ३० कांग्रेस के ३५ में से १६ और जे.डी यूं.के ३४ में से १० किसी भी सूरत में गले के नीचे नहीं उतर रहे
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