शुक्रवार, 11 मई 2012

कार्टून को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा हो गया बोले तो संविधान के बजाये कार्टून चल गया


 बाबा भीम राव आंबेडकर एक  दलित नेता थे जिन्होंने विश्व के भारी भरकम संविधानों में से एक भारत के  संविधान का निर्माण  किया था उसी काल में शंकर   पिल्लई ने  संविधान   निर्माता  और उनके तत्कालीन   बॉस पर एक कार्टून  छापा था संविधान पर चर्चा के लिए संसद का गठन और कार्टून को किताबों में दफ़न कर दिया गया मगर आज आश्चर्यजनक रूप से  बहिष्कार से  संविधान पर चर्चा तो जग जाहिर है हाँ  समकालीन  कार्टून को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा हो गया  बोले तो संविधान के बजाये कार्टून चल गया
   63 साल पहले बाबा भीम राव आम्बेडकर पर छपे एक कार्टून को लेकर आज  संसद में बवाल हो गया संसद के चालू  सेशन में इस   विषय पर  बहस करने के बजाये संसद का बहिष्कार और स्थगन   किया गया।बाद में मंत्री कपिल   सिबल  ने माफी माँगी और एन।सी।ई.आर।टी। के पदाधिकारिओं ने इस्तीफ़ा भी दे दिया। 60 साल  की वरिष्ठता पाकर भी आज संसद ने जो अपरिपक्वता दिखाई है उस पर   विस्तृत बहस की जरूरत है 
    पुराणी शराब तो रंग लाती है यह सुनते आये है मगर पुराना कार्टून भी कहर धा ढहा सकता है यह आज देखने को मिला।
   63 वर्ष पूर्व तत्कालीन कार्टूनिस्ट  शंकर ने एक कार्टून के माध्यम से संविधान के निर्माण में हो रहे विलंभ पर एक पत्रिका में व्यंग  छापा था । छह [6]  साल पहले एन.सी।ई.आर.टी। की 11 कक्षा की पोलिटिकल  साईंस की किताब में  एक लेख  जोड़ा गया ।यह लेख    संविधान  निर्माण  में  हो रही देरी  के इतिहास से सम्बंधित है और इस लेख  को  रोचक   बनाने के लिए कार्टून भी जोड़ा गया है ।इस कार्टून में देश के पहले प्रधान मंत्री  के हाथ में हंटर है और उनके आगे बाबा संविधान का निर्माण में व्यस्त हैं ।
   आज   पायलटों  की हड़ताल +   डिफेंस  लैंड की बिक्री [नवीनतम  काश्मीर]+लेह में सेना में असंतोष और अनुसाशन हीनता आदि अनेक   राष्ट्र को कलंकित करने वाले तत्कालीन मुद्दों पर चर्चा करने के बजाये    सांसदों ने आज इस 63 साल पुराने विषय को लेकर दोनों सदनों में हंगामा कर  दिया लगभग सभी दलों के सांसदों ने इस  कार्टून को बाबा साहब का अपमान बताया और  मानव  संसाधन मंत्री कपिल  सिबल का इस्तीफा  की मांग पर अड़ गए।इनमे कांग्रेस के सांसद पुनिया पी एल  की भूमिका ज्यादा सक्रिय रही शायद इसलिए यह प्रकरण संदेह के घेरे में  भी रहा ।इसके अलावा भी कई  प्रश्न हैं जिनका जवाब जरूरी है \ 
 [1] आश्चर्यजनक रूप से इस पर संसद  का बहिष्कार  करने वाले टी वी चेनलों पर तर्क  कुतर्क   देते रहे।एक तर्क यह था की इससे बच्चों पर बुरा  प्रभाव पडेगा अब में यह  जानना चाहता हूँ की 11 वी कक्षा में 16-17 साल का छात्र आता है  वह भारतीय  राजनीति समझना चाहता है \एक दो  साल के बाद उसे राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय भूमिका निभानी है ऐसे में उसे अपने इतिहास की जानकारी  का होना बेहद जरूरी है  ।केवल  बच्चा कह कर उसे अँधेरे में रखना कहाँ की  अक्लमंदी है।
[2]  63 साल पुराना कार्टून 6 साल पहले छापा गया आज उसे मुद्दा बनाने का क्या ओचित्य है ।क्या दबाब में आये गृह  मंत्री  को  फौरी राहत देने के उद्देश्य से यह बखेड़ा खडा किया गया क्योंकि शुरुआत कांग्रेसी पुनिया ने की और अपने ही एक वरिष्ठ मंत्री के इस्तीफे की मांग की लगता है की  निगाहें  कहीं और  निशाना कोई और ही था 
[3]उत्तर प्रदेश में हुए हाल ही के चुनावों में कांग्रेस की हार की भविष्यवाणी करने वाले एक्सिट या पोस्ट पोल विशेषग्य  योगेन्द्र यादव और उनके साथी इस   किताब  की रचना से जुड़े हुए  थे इन दोनों ने एन सी ई आर टी सी से  इस्तीफा  दे दिया है क्या वह भी निशाने पर थे ।गौर तलब है की योगेन्द्र यादव से अपना उत्तर प्रदेश में हार का स्कोर सेटल करने को यह   विवाद खडा किया गया बोले तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने की अपनी मानसिकता को बल  दिया गया \
[4]  गृह मंत्री पी चिदम्बरम को भ्रष्टाचार के आरोपों के  दबाब से बचाने और एक्सिट+पोस्ट पोल   विशेषग्य से बदला लेने को कपिल   सिबल को निशाना बनाया गया 
[5]लेह में  फायरिंग प्रेक्टिस  के दौरान सेना की अनुशासन हीनता की घटना और काश्मीर में सेना की भूमि को बेचे जाने के मुद्दे क्यूं  नहीं उठाये गए 

1 टिप्पणी:

  1. Today House Of Suhaas palshikhar [One Of The Advisers Of NCERT Situated In The University Campus[pune] Has Been Attacked By So called Pro Ambedkar Whereas He Has Already Resigned From The Post.What 60 Years Senior Parliament Has To Say?????????

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