शुक्रवार, 9 मार्च 2012

अखिलेश भैया २०१४ बस आया ही समझो संसद चुनावी दौर आँख मीचते ही आ घेरेगा

बेशक वासंती मादकता का समय पूर्ण हो चुका है और  ग्रीष्म काल मौसम पर  कब्जा ले रहा हैबेशक  उत्तर प्रदेश में चुनावी  तापमान  बदलाव  की तरफ  है मगर आश्चर्यजनक रूप से चुनावी नतीजों के तुरंत पश्चात अपराधों में तेज़ी आ गई है ।एक  डिबेट का विषय है अतः इस पर चर्चा अवश्य होनी ही चाहिए
       प्रदेश में समाजवादी पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में लौटी है अभी पार्टी में पिडिओं[जनरेशन ]में सत्ता [[मीडिया अनुसार] हस्तान्तर्ण पर घमासान मचा है इसीलिए अभी तक मुख्य मंत्री की घोषणा  नहीं  हुई हैउम्मीद जताई जा रहे है की आगामी सप्ताह तक मुख्यमंत्री[मुलायम सिंह यादव[पिता]या अखिलेश कुमार यादव[पुत्र]में से एक की ताज पोशी कर दी जायेगी तभी सत्ता की बागडोर संभाली जायेगी तब तक आउट गोइंग बहुजन समाजवादी पार्टी का ही शासन चलेगा सो अपराध की बडत का ठीकरा बसपा के सर ही फोड़ने की तैय्यारी  है।इस सत्ता संधि काल में सपाई नेता और समर्थकों  के होसले बुलंदी पर हैऔर ये बुलंदी अपराध की शक्ल में सडकों पर दिखने भी लगी है।
      समाजवादी पार्टी से आशा थी की परिवर्तन की इस जीत में उद्द्न्डियो को दंड दिया जाएगा मगर इसके ठीक उलटा हो रहा है। अपने समाजवादी स्वभाव के ठीक अनुरूप अपने धुर्र विरोधी बसपा  पर ही निशाना साधा जा रहा है।सत्ता में रहने के कारण ला एंड आर्डर के लिए  बसपा को दोषी बता कर अपना पल्ला झाड़ा जा रहा है।
     चूँकि  सपा के  युवा चेहरा अखिलेश कुमार यादव का ब्यान आ चूका है उन्होंने क़ानून तोड़ने वालों से सख्ती से निबटने के आदेश दिए हैं इसीलिए अपराधों के  ग्राफ के यकायक बढाने पर ज्यादा हाय तौबा उचित नहीं होगी मगर जिस तरह से आम आदमी के साथ ही नौकर शाह और वर्दी धारी भी अपराधिक जुबान के साथ हथियार भी चलाने लगे हैं ऐसे में अखिलेश भैया  २०१४ बस आया ही समझो आँख  मीचते ही आ घेरेगा  सो अभी से कुछ कर लो वरना ख़ाक हो जायेंगे आप को खबर होने तक                     जमोस सबलोक 

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