रहीम नाम के एक ऐसे दीपक रूपी समाज सुधारक हुए हैं जो जहां गए वहीं ज्ञान की रोशनी फैलाई |यों तो उन्होंने अनेकों प्रेरणादायक दोहें लिखे है जो आज भी प्रासंगिक हैं इनमे से एक है
रहिमन पानी राखिये ,बिन पानी सब सून
पानी बिना ना उबरे ,मोती ,मानस और चून
इस दोहे में तीन बार पानी शब्द का उपयोग करके पानी के सरंक्षण का महत्त्व उन्होंने उस युग में बताया था जब देश में हर तरफ हरियाली थी +पानी था और थी गंगा लेकिन फिर भी अमूल्य मनुष्य+बहुमूल्य मोती [पर्ल्स]और निर्माण सामग्री चूने [लाइम]के लिए पानी बेहद आवश्यक है | दुर्भाग्यवश मौजूदा दौर में पानी का अनावश्यक बहाव और पानी के लिए जरूर्री हरियाली का कटाव हो रहा है
पानी खरीद कर पीया जा रहा है | सो विश्व में जल का महत्त्व बताया जाने लगा है
इसी कड़ी में २२=०३=२०१२ को विश्व जल दिवस मनाया जा रहा है|
ऐसे में रहीम जी की वाणी का महत्त्व बेहद बढ गया है |इसीलिए पानी रखिये +पानी बचाइए पानी बनाने को हरियाली भी बचाइए jamos sablok
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