गुरुवार, 15 मार्च 2012

तीसरी सलाह भी बिनमांगी+बिनाशर्त ही है सो स्वाभाविक तौर पर निशुल्क ही है

अखिलेश यादव जी प्रदेश में सबसे युवा मुख्यमंत्री  की शपथ ग्रहण करने पर लख लख वधाइयां +मुबारकां+कान्ग्रेचुलेश्नास ।इस मुबारक मौके पर यह झल्ला भी खुद को  सलाह देने से रोक  नहीं पा रहा सो पूर्व की दो [शिक्षा,बे रोज़गार भत्ता]सलाहों की तरह  यह तीसरी सलाह भी    बिनमांगी+बिनाशर्त ही है  सो स्वाभाविक तौर पर निशुल्क ही है
       आपने अपने घोषणा पत्र में पूर्व की सरकार में हुए घोटालों की जांच करने की बात कही है और उसे  पूरी ताकत से क्रियान्वित भी करना चाहते हैं यह बेशक  सराहनीय कार्य है और भ्रस्ताचार की बड़ती इस सुरसा की रोक थाम भी बेहद जरूरी है।
यहाँ में यह क्लियर कर दूं की में कोई बसपाई =कांग्रेसी या सपाई नहीं हूँ बस कलम का एक सिपाही भर ही हूँ 
     यहाँ में आपको  याद दिलाना चाहूंगा की गैर सरकारी जनता पार्टी की सरकार के पतन के लिए जिम्मेदार गल्तिओं में से एक  गलती थी जिसके अनुसार हारी हुई प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के विरुद्ध आये दिन कोई ना कोई आयोग +कोई ना कोई ब्यान जनता पार्टी की सरकार की तरफ से जारी होता रहता था शाह कमीशन को तो  हव्वा बना कर पेश किया जाता रहा ।इस सबका नतीजा शून्य रहा और उलटे इस सारी कवायद ने बेठे बिठाए एक हारी हुई नारी को पुनः  देश की नायिका बना दिया ।इसके साथ ही एक और उदहारण प्रस्तुत है ।
      राजीव  गांधी के  स्वर्ग सिधारने के बाद भी उनके विरुद्ध बोफोर्स की तोप चलाई जाती रही मगर  उनके बलिदान के  बाद   उनकी नौसिखिया कही जाने वाली विधवा ने अपने विरोधिओं का मुह बंद कर दिया।
      अब सूना है के आप भी अपनी खानदानी विरोधी मायावती के खिलाफ जांच करवाना चाहते हैं तो यह अवश्य सुनिश्चित कर लीजियेकी इस जांच की समय सीमा तय हो इसके नतीजे पारदर्शी हो और इससे किसी को भावनात्मक लाभ ना मिले वरना शाह कमीशन  औए बोफोर्स की तरह यहाँ भी नतीजा रहे ढ़ाक के तीन पात और पाँच साल के बाद  नतीजे चौंकाने वाले आयें।  जमोस सबलोक 

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