अखिलेश यादव जी बिना मांगे, बेशर्त और निशुल्क चौथी सलाह दे रहा हूँ कृपया अवलोकन कर लाभ उठायें।
बुजुर्गों ने कहा है कि वंड[बाँट]खाओ ते खंड[मीठा]खाओ नहीं ते ठण्ड खाओ इसीलिए आपसे भी जिम्मेदारिओं को बाँट कर सुशासन कि आशा है।आपकी आयु मात्र ३८ वर्ष है आप साइकिल सवार है मगर आपने अपने लिए अपने पिता से भी अधिक ५० मंत्रालयों का भारी भरकम दायित्व स्वीकार कर के बेशक खजाने का ख्याल रखा है लेकिन इससे तो आप मंत्रालयों की फाइलें ही निबटाते रह जाओगे अर्थार्त एक क्लर्क मात्र बन कर रह जाओगे ।प्रदेश के सोणे ते मन मोहणे पी.एम् बन कर ही रह जाओगे ।
आप साइकिल सवार हो अच्छी तरह जानते होंगे कि नई साइकिल पर भी ज्यादा बोझ लादने से वह नई होने के बावजूद भी एक छकडा मात्र दिखाई देती है ।]वैसे भी अपनी ३८ वर्षीय उम्र [माफ़ करना]से ज्यादा ५० का बोझ किसी भी द्रष्टि से उचित नहीं है।यहाँ में एक और उल्लेख कर दूं की आपके पिताश्री पुराने है अखाड़े के उस्ताद है अभी भी उनके कमानी+ पटे मजबूत हैं\
आ'प ने गृह विभाग भी अपने पास रखा है सो इससे जुडी नवीनतम खबर है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशा नुसार पोलिस थानों में भी अब सत्ता का बंटवारा किया जाना है यानि विवेचना और क़ानून व्यवस्था अलग अलग किये जाने हैं।
यहाँ यह कहना भी जरूरी है कि आप जैसे युवा+महत्वकांक्षी +उर्जावान +उत्साही को क्लर्क बनाते देखना बेहद कष्ट दायक होगा ।इसीलिए भैया जी कुर्ते की बाहें चड़ाओ या ला टोपी पहनो मगर क्लर्क मत बनो सभी मंत्रालयों पर नज़र और हकुमत रखो और अपने चुनावी घोषणा पत्र को समय में ही पूरा करो जमोस सबलोक
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