सोमवार, 11 जून 2012

मेयर मेरठ का चुनाव नहीं आसान बस इतना समझ लीजे असंतुष्टों का दरिया है और डूब कर जाना है

बीजेपी के वरिष्ठ नेता एक्स पी एम् इन वेटिंग लाल कृषण आडवानी ने कुछ समय पहले अपने ब्लॉग के माध्यम से पार्टी के प्रति  आई उदासीनता से उपजी  शिथिलता के प्रति चेतावनी दी थी लगता है उससे सबक लेकर आज भाजपाइयों ने अपनी पहली ही सभा में असंतुष्टों को महत्त्व दिया और उन्हें साथ लेकर  निकाय चुनावों में विजय पथ पर  मार्च करने का आह्वाहन किया।
    मेयर प्रत्याशी हरी कान्त अहलुवालिया ने आज मेरठ शहर के रामा प्लाज़ा में अपने चुनाव कार्यालय का उदघाटन कराया।इस अवसर पर भाजपाई राजनीति में धुर  प्रतिद्वंदी मोहन लाल कपूर और डॉ लक्ष्मी कान्त वाजपई [अब प्रदेश अध्यक्ष]एक साथ एक ही मंच 'पर थे ।इस  उद्घातनोत्स्व  पर पार्टी की सभा का भी आयोजन कर लिया गया जिसमे सांसद  राजेन्द्र  अग्रवाल+शकुन्तला कौशिक+अमित अग्रवाल+हरिकांत के  प्रतिद्वंदी + धर्मवीर  नारंग +मंगल सैन आदि मंचासीन रहे।
[2]सभा स्थल  सड़े अठारह बजे 

[1] सभा स्थल  पौने अठारह   बजे 

[3]प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर वाजपई  कार्यकर्ताओं को जीत का  नुक्सा  देते हुए 
  इस उद्घात्नोत्सव +सभा  में प्रतियाशिओं के साथ साथ उनके प्रतिद्वंदी भी नदारद रहे जिससे आडवानी की चेतावनी  को साफ़ देखा जा सकता था।  शाम  पांच बजे का समय देकर  पौने सात  बजे  कार्यक्रम चालू किया गया  पांच  बजे सभा स्थल पर कडाके की धुप थी इसीलिए सारी कुर्सियां खाली और जनता इधर उधर   छावं  तलाशती नजर आई। 6.40  बजे  प्रदेश अध्यक्ष के आने पर मंच सजाया गया ।इस दौरान अनेक उत्साही प्रत्याशी जुलूस की शकल में पहुंचते रहे भीड़ की बात की जाए तो इस बार पहली सभा में  चोटी+तिलक धारी के अलावा  गोल टोपी  की भीड़ को देखते हुए चुनाव के मौड़ को देखा जा सकता है ।    
  मेयर पद  और पार्षद पद के  शेष   दावेदारों की संख्या बेहद ही कम रही अर्थार्त पार्टी के प्रति उदासीनता की चेतावनी  अक्षरः दिखाई दी।सांसद  अग्रवाल  के अनुसार एक वार्ड से तीन से लेकर आठ लोगों ने दावेदारी प्रस्तुत की थी । पहले तो नगर निगम के अस्सी वार्डों में शत  प्रतिशत  उमीदवार नहीं मिले जितने मिले उनमे से आधे ही इस आयोजन में दिखाई दिए।असंतुष्टों की संख्या नगण्य ही रही ।यानि इतनी बड़ी संख्या में अनुपस्थिति यह दर्ज करती है की   अभी तक चयन प्रक्रिया के प्रति पार्टी में  असंतोष है +असहयोग है +अविश्वाश है।
         शायद  इसी कंडीशन को भांपते हुए ही  वक्ताओं  ने सभी को साथ लेकर  चलने  पर बल दिया प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर लक्ष्मी कान्त वाजपई ने तो बागिओं को  मनाने के लिए आवश्यकता पड़ने पर उनके पाँव तक पकड़ने की सलाह दे डाली ।प्रदेश अध्यक्ष ने  छेत्र  में हासिल पार्टी की प्रतिष्टा को बनाए  रखने पर भी जोर दिया।इतना कहते ही उन्होंने मंच छोड़  दिया
      सुरेश जैन ऋतुराज के संचालन में  सांसद अग्रवाल ने  बागी उम्मीदवारों को मनाने का भरोसा देकर कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया ।
मंच पर केवल 11 महिलायें और 14 पुरुष प्रतियाशिओं का ही परिचय कराया गया।कुल मिला कर 25 प्रतियाशिओं का ही परिचय कराया गया \इसके अलावा भाजपा का वोट बैंक   जाट +गुज्जर+ जाटव +का प्रतिनिधित्व  मंच पर  कहें दिखाई  नहीं  दिया।जबकि वक्ताओं ने कम से कम 50 सीटें जीतने का दावा किया है।जाहिर है की  चुनाव नहीं आसान बस इतना समझ लीजे असंतुष्टों का दरिया है और डूब कर जाना है 

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