मंगलवार, 26 जून 2012

काश्मीर में अनावश्यक इमरजेंसी से पीक सीज़न में बिजनेस पर प्रहार

 [1]भारत में कहीं  स्वर्ग है तो काश्मीर है काश्मीर है कश्मीर है 

[2] हड़ताल के बाद  सूनसान  डल  लेक  

[3]पीक  सीज़न में बिजनेस पर प्रहार 

[4] एअरपोर्ट पर  काश्मीर छोड़ने  वालों की   लम्बी  होती कतारें 

[5] एअरपोर्ट के अन्दर सामन क्लीयर  कराने वालों   में मारा मारी 
बीती सदी के सातवें दशक में सोने  की चिड़िया नामक   देश ने  इमरजेंसी का दंश झेला था मगर आज  भारत के स्वर्ग  काश्मीर  पर   भी  पुनः अनावश्यक बंद थोप कर लोक तंत्र में  अलोकतांत्रिक   पद्धति की काली किताब में एक और काला अध्याय लिख दिया गया है फर्क सिर्फ इतना है की पहले  शासक ने  खुद के सर्वाइवल  के लिए  इमरजेंसी  का सहारा लिया था तो अब शासित ने अलगाव वादी ताकतों को मज़बूत  करने  के लिए कश्मीर के पीक  सीज़न में बंद का एलान कर दिया|
   बीते दिन श्रीनगर  के  डाउन टाउन इलाके में स्थित एतिहासिक  लकड़ी की इमारत  जियारत शरीफ  में सुबह की नमाज़ के बाद आग लग गई |अभी इसके कारणों को जांच चल रही है कि अलगाव वादी ताकतों ने सी आर पी ऍफ़ को निशाने पर रख लिया |विरोध हुआ पथराव हुआ इसके जवाब में लाठी और आंसू गैस चली |
  सी आर पी ऍफ़  के विरोध और पीड़ितों के समर्थन में तत्काल बाज़ार बंद करा दिए गए और आज पूरे काश्मीर बंद का एलान कर दिया गया | एयर पोर्ट के हालत देख कर  लगा की आज पूरा काश्मीर खाली हो जाएगा|
आज सुबह डाउन टाउन के ग्रामीण युवा सड़कों पर आ गए | सूत्रों की माने तो जिस प्रकार मनरेगा के अंतर्गत युवाओं को गावों में ही रोज़गार देने की यौजना चलाई जा रही  है ठीक उसी तर्ज़ पर अलगाव वादी   वहां के ग्रामीणों को पत्थर चलाने और विरोध करने के  लिए 500/= दिए जा रहे है  
     आज की इस  घटना के  पीछे दो कारण बताये जा रहे हैं [१]अबू हमजा की गिरफ्तारी [२] बर्फानी बाबा अमर नाथ यात्रा इस दोनों कारणों से अपनी उपस्थिति और मजबूती का प्रदर्शन जरूरी था   काश्मीर में अनावश्यक इमरजेंसी

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