मिस्टर एच आर डी सिब्बल की क़ाबलियत पर कानपूर में आईथियन कुएश्चन मार्क??लग गया है|आई आई टी कानपूर की एकेडमिक सीनेट ने सीना ठोक कर संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए मंत्रालय के निर्णय को कूड़े दान में डाल दिया है और देश के शेष आईआईटी को साथ आने को निमंत्रण भी दे दिया है| कपिल सिब्बल के ड्रीम प्रोजेक्ट शिक्षा के अधिकार पर हो रही छिछालेदारी अभी कम नहीं हुई की ये नया बखेड़ा खडा हो गया लगता है की काबिल वकील सिब्बल की पीठ पर बैठे विवादों के बेताल हटने का नाम ही नहीं ले रहे हैं|
कपिल सिब्बल पूरे देश में इंजीनियरिंग की एक सामान परीक्षा कराना चाहते हैं सामान सिलेबस से होने वाले यह परीक्षा एक अच्छा प्रयोग हो सकती है इसके लिए xii कक्षा के मार्क्स भी जोड़े जाने हैं|चूँकि यह परीक्षा सी बी एस ई के माध्यम से होनी है सो आई आई टी को यह मंजूर नहीं है वैसे तो देश में ४४ स्टेट बोर्ड है सबकी अपनी मूल्यांकन+ चयन प्रक्रिया है ऐसे ही आई आई टी की भी अपनी प्रक्रिया है इसीलिए आई आई टी देश में अग्रणी है | यहाँ से क्रीम निकल कर देश और विदेश में नाम कमा रही हैं\
कुछ सालों से आई आई टी पर सरकारी पकड़ मजबूत करने को कवायद चल रही है| संभवत इसीलिए जे ई ई में बदलाव लाया गया है |xii की परीक्षा के 40% मार्क्स जुड़ने है दूसरी तरफ 2013 में होने वाले जे ई ई के लिए दुबारा परीक्षा को आवश्यक बताया जा रहा है यहाँ तक की सी बी एस ई की गुणवत्ता पर भी प्रश्न चिन्ह लगाए जा रहे हैं। हाई स्कूल तक की परीक्षा में कम्पटीशन का तनाव ना हो इसके लिए इसका सरलीकरण किया गया मगर आश्चर्यजनक रूप से इंजीनियरिंग की परीक्षा में प्रतिस्पर्धा को कडा करके तनाव पैदा करने की यह कौशिश समझ से परे हैं
कपिल सिब्बल पूरे देश में इंजीनियरिंग की एक सामान परीक्षा कराना चाहते हैं सामान सिलेबस से होने वाले यह परीक्षा एक अच्छा प्रयोग हो सकती है इसके लिए xii कक्षा के मार्क्स भी जोड़े जाने हैं|चूँकि यह परीक्षा सी बी एस ई के माध्यम से होनी है सो आई आई टी को यह मंजूर नहीं है वैसे तो देश में ४४ स्टेट बोर्ड है सबकी अपनी मूल्यांकन+ चयन प्रक्रिया है ऐसे ही आई आई टी की भी अपनी प्रक्रिया है इसीलिए आई आई टी देश में अग्रणी है | यहाँ से क्रीम निकल कर देश और विदेश में नाम कमा रही हैं\
कुछ सालों से आई आई टी पर सरकारी पकड़ मजबूत करने को कवायद चल रही है| संभवत इसीलिए जे ई ई में बदलाव लाया गया है |xii की परीक्षा के 40% मार्क्स जुड़ने है दूसरी तरफ 2013 में होने वाले जे ई ई के लिए दुबारा परीक्षा को आवश्यक बताया जा रहा है यहाँ तक की सी बी एस ई की गुणवत्ता पर भी प्रश्न चिन्ह लगाए जा रहे हैं। हाई स्कूल तक की परीक्षा में कम्पटीशन का तनाव ना हो इसके लिए इसका सरलीकरण किया गया मगर आश्चर्यजनक रूप से इंजीनियरिंग की परीक्षा में प्रतिस्पर्धा को कडा करके तनाव पैदा करने की यह कौशिश समझ से परे हैं
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